विप्र समाज का जो गौरवशाली इतिहास है वो फिर से विश्वपटल पर स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो सके-जितेन्द्र भारद्वाज

ब्राह्मण का इतिहास स्वर्णिम है। देश की आजादी में भी ब्राह्मण का अहम योगदान है- संजय वशिष्ठ

जयशंकर सुमन/hit India news

सैक्टर-16 स्थित पंजाबी भवन में विप्र फाउंडेशन फरीदाबाद द्वारा आयोजित विप्र सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में पधारें विप्र के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र भारद्वाज का फूल मालाओं एवं ढोल नगाड़ों से जोरदार स्वागत किया गया।
इस अवसर पर सम्मेलन में उपस्थित विप्र समाज एवं मीडिया से रूबरू होते हुए जितेंद्र भारद्वाज ने कहा कि विप्र फाउंडेशन का उद्देश्य उन्नत समाज- समर्थ राष्ट्र है इसी उद्देश्य को केंद्र में रखते हुए प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी फरीदाबाद में जो ये विप्र सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है ये अपने आप में खास है


इतनी बारिश के बावजूद भी आप सभी सम्मानित विप्र समाज के जिम्मेदार साथीगण जो यहाँ आज इतनी भारी संख्या में आए है वो इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि विप्र समाज आज जाग चुका है अपने अधिकारों के लिए बस जरूरत है हम सब एकजुट हो जाए और मिलकर अपने विप्र समाज को सामाजिक रूप से आर्थिक रूप से राजनीतिक रूप से मजबूत करें ताकि विप्र समाज का जो गौरवशाली इतिहास है वो फिर से विश्वपटल पर स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो सके।
ब्राह्मण का इतिहास स्वर्णिम है। देश की आजादी में भी ब्राह्मण का अहम योगदान है। समाज को आज दोहरी जिम्मेवारी निभानी है। सनातन संस्कृति पर लगातार हो रहे हमलों से रक्षा करना अपने वजूद को कायम रखना। ब्राह्मण सनातन संस्कृति की बहती हुई वह अविरल धारा है जहां मानव का कल्याण निहित है। विप्र फाउंडेशन द्वारा संचालित परशुराम कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड एजुकेशन लेक सिटी उदयपुर में विप्र समाज के बच्चों को प्रोफेशनल कोर्स करवाया जाता है और जयपुर परशुराम विद्यापीठ सेंटर फॉर एक्सीलेंस का निर्माण पूरा हो चुका हैं जिसमें बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं एवं वैदिक शिक्षा की निःशुल्क तैयारी करवाई जाएगी।


राजस्थान के रिवासा में विप्र गुरुकुल चलाया जा रहा हैं जिसमें सैकड़ो बच्चों निःशुल्क वैदिक शिक्षा दी जा रही हैविप्र फाउंडेशन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में लोहित नदी के तट पर भगवान परशुराम की 51 फीट की पंचधातु निर्मित मूर्ति की स्थापना भारत सरकार के सहयोग से की जा रही है।
शगुन प्रकल्प के नाम प्रत्येक वर्ष 121 गरीब कन्याओं के विवाह में सहयोग करता है।

विप्र फाउंडेशन ब्राह्मणों की अंतरराष्ट्रीय संस्था है। इसकी स्थापना 2009 में कोलकाता में हुई संस्थापक संयोजक श्री सुशील ओझा जी ने हजारों ब्राह्मणों के साथ की। संस्था मूलभूत तीन उद्देश्य को लेकर कार्यरत है जिनमें राष्ट्रीय एकता, सामाजिक समरसता और स्वजातीय गतिशीलता है। संस्था ने उच्च शिक्षार्थ समाज के करीब 275 जरूरतमंद विद्यार्थियों को ब्याज रहित सहयोग राशि दे चुकी है जोकि विद्यार्थी अपने पैरों पर खड़ा होने के बाद किस्तों में वापस कर सकता है। ब्रम्ह संस्कार से प्रेरित अब तक 38 विद्यार्थियों ने अपनी राशि लोटा भी दी है। विप्र शिक्षा निधि के तहत हर रोज कम से कम 11000 रुपए विप्र फाउंडेशन को सदस्यों द्वारा जमा कराया जा रहा है यह शिक्षा के क्षेत्र में यह एक अद्भुत प्रयोग साबित हुआ है। जहां लेने वालों से अधिक देने वालों कतार है।
इस मौके पर विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील शर्मा CA, प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप वशिष्ठ, महिला प्रदेशाध्यक्ष सुनीता भारद्वाज, जिलाध्यक्ष संजय वशिष्ठ, जिला ब्राह्मण महासभा फरीदाबाद सरंक्षक एवं पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ० रामनारायण भारद्वाज, बालकृष्ण वशिष्ठ,युवा प्रदेशाध्यक्ष निर्वाण शर्मा,गिरीश भारद्वाज, पारस भारद्वाज,उमेश कौशिक, सुमित गौड़, मनोहर पाराशर, बिल्लू नेता, तेजप्रकाश भारद्वाज,ओमदत्त शर्मा, सोनू शर्मा, चंद्रभूषण शर्मा एडवोकेट, टेकचंद शर्मा, टिकराम भारद्वाज, विनोद कौशिक, योगेश कौशिक, सागर कौशिक, अनुज शर्मा, अनिल शर्मा, नागेंद्र झा आदि हजारों प्रबुद्धजन मौजूद रहे!

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